आम मत | नई दिल्ली
कृषि कानूनों के विरोध के बाद सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्त समिति ने शुक्रवार को 8 राज्यों की 12 किसान यूनियनों के साथ बैठक की। कानूनों पर यह 7वीं बैठक थी। कमेटी के तीनों सदस्यों सभी पक्षकारों के साथ आमने-सामने बैठक कर रही है। साथ ही, ऑनलाइन भी विभिन्न पहलुओं पर विचार कर रही है।
समिति ने बयान जारी कर कहा कि उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए किसानों, किसान यूनियनों और कृषि उत्पाद संगठनों से बातचीत की है। समिति के सदस्यों के साथ उत्तर प्रदेश, बिहार, जम्मू और कश्मीर, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल के किसानों और किसान यूनियनों से तीनों कृषि सुधार कानूनों पर कई दिनों तक गहन चर्चा हुई है।
उल्लेखनीय है कि विगत 12 जनवरी को सर्वोच्च अदालत ने इन तीनों कृषि कानूनों के अमल पर दो महीने के लिए रोक लगा दी थी। साथ ही समिति से सभी पक्षों से विचार-विमर्श के बाद दो माह में अपनी रिपोर्ट देने को कहा था।
इन कानूनों के खिलाफ हजारों की तादाद में पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के कुछ क्षेत्रों से आए किसान दिल्ली की सीमाओं पर विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों का आरोप है कि केंद्र के पिछले साल लाए इन कानूनों से मंडी प्रणाली कमजोर पड़ जाएगी और यह कानून कारपोरेट जगत के लिए फायदेमंद हैं।