आम मत | नई दिल्ली
भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को तीसरी द्विमासिक समीक्षा में रेपो रेट में किसी प्रकार का बदलाव नहीं किया। अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा में रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। यानी आम लोगों को उनके लोन ईएमआई पर राहत नहीं मिली है। रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में 4% और रिवर्स रेपो रेट को 3.35% पर बरकरार रखा है।
आरबीआई ने यूपीआई से कॉन्टैक्टलेस लेन-देन की सीमा को 2000 रुपए से बढ़ाकर 5000 रुपए कर दी है। यह सुविधा 1 जनवरी से लागू होगी। आरबीआई ने आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए उदार रुख को बनाए रखते हुए कहा है कि कोरोना से प्रभावित अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए हर संभव कदम उठाएगा।
आरबीआई गवर्नर शशिकांत दास ने कहा कि रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (आरटीजीएस) सिस्टम जल्द ही सातों दिन 24 घंटे उपलब्ध कराई जाएगी। बता दें कि वर्तमान में आरटीजीएस सिस्टम महीने के दूसरे और चौथे शनिवार को छोड़कर हफ्ते के सभी कामकाजी दिनों में सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक उपलब्ध होता है। दूसरी ओर, एक्सपर्ट्स के मुताबिक महंगाई दर के काफी ऊंचे स्तर पर बने रहने के कारण आरबीआई के पास ब्याज दरों में कटौती की गुंजाइश नहीं बची थी।
आरबीआई गवर्नर ने मौद्रिक नीति समिति की बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए कहा कि सर्वसम्मति से रेपो रेट को चार फीसद पर बनाए रखने का फैसला किया गया है। उन्होंने कहा कि एमपीसी ने पॉलिसी को लेकर रुख को उदार बनाए रखा है। इससे आने वाले समय में परिस्थितियां उपयुक्त होने पर ब्याज दरों में कटौती हो सकती है। दास ने कहा कि महंगाई के बने रहने का अनुमान है।
उल्लेखनीय है कि अक्टूबर में खुदरा महंगाई दर 7.6 फीसद पर पहुंच गई, जो केंद्रीय बैंक के 2-6 फीसद के लक्ष्य से काफी ज्यादा है। भारतीय रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में महंगाई दर के 6.8 फीसद और जनवरी-मार्च तिमाही में 5.8 फीसद के आसपास रहने का अनुमान लगाया है।