आम मत | नई दिल्ली
देश में 29 जुलाई का दिन ना सिर्फ भारतीय वायुसेना बल्कि देशवासियों के लिए भी यादगार होने वाला है। भारत को इस दिन 5 राफेल विमान मिलने की उम्मीद है। देश को राफेल मिलने में मौसम का अहम योगदान रहेगा। 29 जुलाई को वायुसेना में शामिल किए जाने के बाद राफेल को 20 अगस्त को एक समारोह में वायुसेना में अंतिम रूप से शामिल किया जाएगा।
जानकारी के अनुसार, भारतीय वायुसेना के अधिकारियों ने विमान की तकनीकी पेचीदगियों को समझने के लिए स्पेशल ट्रेनिंग ली है। राफेल के मिलने से वायुसेना की ताकत और ज्यादा बढ़ जाएगी।
उल्लेखनीय है कि भारत को फ्रांस की कंपनी डसॉल्ट से अगले दो सालों में 36 विमान मिलेंगे। भारत ने डसॉल्ट कंपनी से 59 हजार करोड़ रुपए की डील की थी। एयरफोर्स सूत्रों के मुताबिक पहला स्क्वाड्रन अंबाला बेस से पश्चिमी कमान के लिए काम करेगा, तो दूसरे स्क्वाड्रन की तैनाती पश्चिम बंगाल के हाशीमारा एयर फोर्स स्टेशन में की जाएगी। ताकि पूर्वी छोर पर चीन के किसी भी खतरे से निपटा जा सके।
यह है खासियत
राफेल पोटेंट मेट्योर और स्कैल्प मिसाइल प्रणाली से लैस है। ये भारतीय वायुसेना की मारक क्षमता में व्यापक इजाफा करेंगे। मेट्योर सिस्टम हवा से हवा में मारने की तकनीक है। स्कैल्प विमान से ही लॉन्च होने वाली लंबी दूरी की क्रूज मिसाइल है।