आम मत | नई दिल्ली
बॉर्डर पर चल रहे तनाव के बीच केंद्र सरकार ने चीन पर एक और स्ट्राइक करने की तैयारी कर ली है। इस बार यह स्ट्राइक टेलीकॉम सेक्टर में होगी। सरकार ने बुधवार को कहा कि टेलीकॉम इक्विपमेंट खरीदने के लिए भरोसेमंद कंपनियों की लिस्ट बनाई जाएगी। अभी इस सेक्टर में चीनी कंपनियों का दबदबा है। ZTE इसकी सबसे बड़ी खिलाड़ी है।
सरकार के इस कदम का मतलब है कि चीन की कुछ कंपनियों को पाबंदियां झेलनी पड़ सकती हैं। इससे पहले सरकार चार बार में 267 चीनी ऐप पर बैन लगा चुकी है। यूनियन मिनिस्टर रविशंकर प्रसाद ने बुधवार को बताया कि सुरक्षा से जुड़ी कैबिनेट कमेटी ने टेलीकम्युनिकेशन सेक्टर में नेशनल सिक्योरिटी डायरेक्टिव को मंजूरी दे दी है।
इसके तहत इसकी सप्लाई चेन के लिए सरकार भरोसेमंद सोर्स और प्रोडक्ट की एक लिस्ट जारी करेगी। देश में टेलीकॉम नेटवर्क तैयार करने के लिए कंपनियां इन्हीं से इक्विपमेंट खरीद सकेंगी।
नेशनल सिक्योरिटी कमेटी ऑन टेलीकॉम करेगी फैसला
कंपनियों की लिस्ट नेशनल साइबर सिक्योरिटी कोऑर्डिनेटर तैयार करेंगे। सभी टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर को इसी के तहत नए प्रोडक्ट इस्तेमाल करने होंगे। भरोसेमंद कंपनियों और प्रोडक्ट की लिस्ट एक कमेटी अप्रूव करेगी। इस कमेटी को डिप्टी नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर लीड होंगे। कमेटी में संबंधित विभागों और मंत्रालयों के सदस्य भी शामिल होंगे। दो मेंबर इंडस्ट्री और इंडिपेंडेंट एक्सपर्ट होंगे।
इस कमेटी को नेशनल सिक्योरिटी कमेटी ऑन टेलीकॉम कहा जाएगा। प्रसाद ने कहा कि यह योजना स्वदेशी कंपनियों के डेवलप किए और बनाए गए टेलीकॉम इक्विपमेंट को बढ़ावा देती है। डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्यूनिकेशन इन गाइडलाइंस को नोटिफाई करेगा और निगरानी करेगा कि टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर इनका पालन कर रहे हैं या नहीं। इसके लिए लाइसेंस की शर्तों में संशोधन किया जाएगा। यह पॉलिसी मंजूरी मिलने की तारीख से 180 दिनों के बाद से लागू होगी।