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सेना की रिपोर्ट का दावा, पिछले 6 साल में खरीदा गया 960 करोड़ रुपए का खराब गोला-बारूद

आम मत | नई दिल्ली

सेना की एक इंटरनल रिपोर्ट ने मोदी सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है। सेना की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि वर्ष 2014-2020 यानी 6 साल में सरकारी ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड से जितने रुपए में खराब गोला बारूद खरीदा है, उतने में सेना को करीब 100 आर्टिलरी गन मिल सकती थीं। इस रिपोर्ट को रक्षा मंत्रालय को दिया गया है।

सेना की रिपोर्ट की मानें तो पिछले 6 सालों में तकरीबन 960 करोड़ रुपए का घटिया क्वालिटी का गोला-बारूद खरीदा गया। इतने रुपए में 150 एमएम की 100 मध्यम आर्टिलरी गन सेना को मिल सकती थी। इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि खराब क्वालिटी के प्रोडक्शन के कारण जो घटनाएं और मानवीय क्षति होती है, वह औसतन एक हफ्ते में एक होती है।

सेना की रिपोर्ट में दावा किया गया कि 2014 के बाद से खराब क्वालिटी के गोला बारूद के कारण 403 घटनाएं हुई हैं। हालांकि ऐसे मामलों में कमी आई है, फिर भी चिंता का विषय है।
2014 – 114 घटनाएं
2017 – 53
2018 – 78
2019 – 16

इन प्रोडक्ट में पाई गई खराबी

  • 23-MM के एयर डिफेंस शेल
  • आर्टिलरी शेल
  • 125 MM का टैंक राउंड
  • अलग-अलग कैलिबर की बुलेट्स

सेना की रिपोर्ट: 2014-2019 के बीच 658 करोड़ का खरीदा खराब गोला-बारुद

इन घटनाओं में करीब 27 जवानों की मौत हुई है जबकि 159 के करीब जवान घायल हुए हैं। इस साल अभी तक 13 घटनाएं हुई हैं। हालांकि किसी की मौत नहीं हुई है। इन 960 करोड़ रुपए की खरीद में 658 करोड़ रुपए का खर्च 2014-2019 के बीच शेल्फ में हुआ, जबकि अन्य 303 करोड़ तक की कीमत के माइन्स को महाराष्ट्र में लगी आग के बाद खत्म किया गया।

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