आम मत | नई दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट ने लॉटरी और गैम्बलिंग पर जीएसटी लगाना वैध माना है। साथ ही, लॉटरी के जरिए मिलने वाली प्राइज मनी पर भी टैक्स लगाने को सही करार दिया है। सु्प्रीम कोर्ट ने एक निजी लॉटरी कंपनी द्वारा जीएसटी लगाने के विरोध में याचिका पर यह फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा कि जीएसटी के तहत एक्शनेबल क्लेम को शामिल करने को असंवैधानिक या अवैध नहीं है। कानून के तहत लॉटरी एक्शनेबल क्लेम है।
याचिकाकर्ता लॉटरी डीलर्स का कहना था कि सेंट्रल जीएसटी एक्ट 2017 और नोटिफिकेशन में गलत तरीके से लॉटरियों को ‘गुड्स’ मान लिया गया है, जबकि वे ‘एक्शनेबल क्लेम्स’ में आते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इस बारे में 7 नवंबर को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था।
याचिकाकर्ताओं का कहना था कि पहले के दौर में लॉटरियों पर कोई वैट नहीं लगाया था, सिर्फ 1.28 फीसदी या 0.82 फीसदी की दर से सर्विस टैक्स लगाया जाता था, वह भी फेस वैल्यू पर। यह फेस वैल्यू लॉटरी के प्राइज मनी और एजेंट, रीटेलर या डिस्ट्रिब्यूटर के मार्जिन पर निर्भर करती थी।