आम मत | नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को पीठासीन अधिकारियों के 80वें अखिल भारतीय सम्मेलन को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि एक राष्ट्र और एक चुनाव केवल विचार-विमर्श का मुद्दा नहीं, बल्कि देश की जरूरत है। इसके बारे में गंभीरता से सोचा जाना चाहिए। दो दिन का यह सम्मेलन बुधवार को शुरू हुआ था जिसका उद्घाटन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने किया था। मोदी ने अपने संबोधन के दौरान कहा कि वन नेशन, वन इलेक्शन सिर्फ चर्चा का विषय नहीं है बल्कि ये भारत की जरूरत है।
हर कुछ महीने में भारत में कहीं न कहीं चुनाव हो रहे होते हैं। इससे विकास कार्यों पर प्रभाव पड़ता है। ऐसे में वन नेशन, वन इलेक्शन पर गहन मंथन आवश्यक है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पूरी तरह डिजिटाइजेशन का समय आ गया है। पीठासीन अधिकारी इसे सोचेंगे तो विधायकों को आसानी होगी। अब हमें पेपरलेस तरीकों पर जोर देना चाहिए।
संविधान सभा इस बात को लेकर एकमत थी कि भारत में बहुत सी बातें परंपराओं से स्थापित होंगी। विधानसभा में चर्चा से ज्यादा से ज्यादा लोग कैसे जुड़ें, इसके लिए कोशिशें होनी चाहिए। जिस विषय की सदन में चर्चा हो, उनसे संबंधित लोगों को बुलाया जाए। मेरे पास तो सुझाव हैं, लेकिन आपके पास अनुभव है।
सभी को समझ आए, ऐसी हो संविधान की भाषा
पीएम मोदी ने कहा कि हर नागरिक का आत्मविश्वास बढ़े, संविधान की भी यही अपेक्षा है। यह तभी होगा, जब हम कर्तव्यों को प्राथमिकता देंगे, लेकिन पहले के दौर में इसे ही भुला दिया गया। संविधान में हर नागरिक के लिए कर्तव्यों का जिक्र है। हमारी कोशिश ये होनी चाहिए कि संविधान के प्रति आम नागरिकों की समझ बढ़े। KYC एक नए रूप में सामने आना चाहिए- Know Your Constitution। संविधान की भाषा ऐसी होनी चाहिए, जो सबको समझ आए।