ब्रिटेन-यूरोपियन यूनियन में हुई ट्रेड डील, 10 महीने से चल रही थी सौदेबाजी
आम मत | लंदन
ब्रिटेन और यूरोपियन यूनियन (EU) के बीच गुरुवार को ऐतिहासिक ट्रेड डील पर सहमति बन गई। इस पर दोनों पक्षों में 10 महीने से सौदेबाजी चल रही थी। ब्रिटेन 31 जनवरी को EU से अलग हो गया था, लेकिन कारोबार से जुड़े मसले उलझे हुए थे। अब इस डील पर दोनों पक्षों की संसद में वोटिंग होगी। इसके लिए ब्रिटेन में बुधवार को सत्र बुलाया गया।
हालांकि, समझौते का मसौदा अभी सामने नहीं आया है। डील होने के बाद ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने अपनी एक तस्वीर सोशल मीडिया पर पोस्ट की। इसमें उन्होंने लिखा कि हमने अपनी किस्मत वापस ले ली है।
लोग कहते थे कि यह नामुमकिन है, लेकिन हमने इसे हासिल कर लिया है। वहीं, यूरोपियन कमीशन की प्रेसिडेंट उर्सला वोन डेर लेयन ने कहा कि यह एक लंबी और घुमावदार सड़क थी। आखिरकार हमें एक अच्छी डील मिल गई है। यह दोनों पक्षों के लिए सही है।
ब्रेग्जिट की जरूरत क्यों पड़ी?
ब्रिटेन की यूरोपियन यूनियन में कभी चली ही नहीं। इसके उलट ब्रिटेन के लोगों की जिंदगियों पर EU का नियंत्रण ज्यादा है। वह कारोबार के लिए ब्रिटेन पर कई शर्तें लगाता है। ब्रिटेन के सियासी दलों को लगता था कि अरबों पाउंड सालाना मेंबरशिप फीस देने के बाद भी ब्रिटेन को इससे बहुत फायदा नहीं होता। इसलिए ब्रेग्जिट की मांग उठी थी।