UAE Mars Hope Mission: मंगल ग्रह पर 350 करोड़ साल पहले बहती थीं नदियां
संयुक्त अरब अमीरात ने मंगल ग्रह का नया नक्शा बनाया, पहाड़… बर्फ… घाटी, सब दिख रहा है इसमें। मंगल ग्रह का नया नक्शा आया है। इसमें भौगोलिक इलाकों को बखूबी दर्शाया गया है। यह नक्शा बनाया है संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के मार्स ऑर्बिटर ने, यानी होप मिशन (Hope Mission) के स्पेसक्राफ्ट ने।
इस हाई रेजोल्यूशन मैप की वजह से साइंटिस्ट कई तरह की स्टडी कर सकते हैं। बारीक अध्ययन कर सकते हैं। इस नक्शे से यह भी पता चल सकता है कि मंगल ग्रह पर कहां पानी है या पहले कभी था। इस नक्शे को बनाया है संयुक्त अरब अमीरात के सेंटर फॉर स्पेस साइंस और न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी अबु धाबी ने मिलकर। इस नक्शे के लिए अमीरात मार्स मिशन ने डेटा भेजा था। इसे होप मिशन या अल-अमल मिशन भी कहते हैं।
UAE के होप मिशन में स्टेट-ऑफ-द-आर्ट इमेजिंग सिस्टम है। इसमें एमिरेट्स एक्सप्लोरेशन इमेजर (EXI) लगा है। संयुक्त अरब अमीरात के वैज्ञानिकों को लगता है कि इस नक्शे की वजह से युवाओं को साइंस के क्षेत्र में आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलेगी। इस नक्शे को बनाने वाले प्रमुख साइंटिस्ट डिमित्रा अत्री ने कहा कि हम पूरे ग्रह का नक्शा बनाकर पूरी दुनिया को दिखाना चाहते हैं। यह मंगल ग्रह का नया एटलस है। जो हर देश के काम आएगा।
डिमित्रा अत्री ने कहा कि इस नक्शे से आप ज्यादा सीख सकते हैं। अत्री और उनकी टीम ने 3000 से ज्यादा तस्वीरों को मिलाकर यह नक्शा बनाया है। इन तस्वीरों का विश्लेषण करने में दो साल लगे हैं। जो मंगल ग्रह का एक साल होता है। इस नक्शे में मंगल ग्रह के बर्फीले इलाके, पहाड़, सोए हुए ज्वालामुखी, प्राचीन नदियां, झीलें, घाटियां आदि सब दिख रहे हैं। इनसे पता चलता है कि यहां पर 350 करोड़ साल पहले नदियां बहती थीं।
इन नक्शे की बदौलत वैज्ञानिक यह समझ सकते हैं कि करोड़ों साल पहले मंगल ग्रह की जलवायु कैसी थी। वो कैसे धीरे-धीरे बदलती चली गई। इन नक्शे से ये भी पता चलता है कि मंगल ग्रह के मौसम में कैसे और कहां किस तरह का बदलाव आता है। साथ ही मंगल ग्रह पर कितनी बार उल्कापिंडों की टक्कर हुई है।
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