आम मत | न्यूयॉर्क
अमेरिका में हिंसा भड़काने के आरोपों के बीच राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जो बाइडेन के शपथ ग्रहण समारोह में जाने से मना कर दिया। नवनिर्वाचित राष्ट्रपति बाइडेन 20 जनवरी को शपथ लेंगे। ट्रंप ने ट्वीट के जरिए उस सस्पेंस को खत्म कर दिया, जो उनके शपथ ग्रहण समारोह में जाने ना जाने को लेकर बना हुआ था।
इससे पहले ट्रंप ने कहा था कि 20 जनवरी को कानून के मुताबिक बाइडेन को सत्ता का हस्तांतरण किया जाएगा। हालांकि वे चुनावी नतीजों का समर्थन नहीं करते हैं, लेकिन इसके बावजूद सत्ता को जो बाइडेन को सही तरीके से सौंपेंगे। ट्रंप ने हार नहीं स्वीकार की और उन्होंने चुनाव के नतीजों को कोर्ट में चुनौती देने का ऐलान किया।
जीत पर मुहर से पहले जमकर बवाल
इससे पहले गुरुवार को अमेरिका में जमकर बवाल हुआ। कैपिटल हिल में इलेक्टोरल कॉलेज की प्रक्रिया चल रही थी, जिसके तहत बाइडेन के राष्ट्रपति बनने पर मुहर की तैयारी थी। इस समय हजारों ट्रंप समर्थकों ने वॉशिंगटन में मार्च निकाला और कैपिटल हिल पर धावा बोला।
यहां ट्रंप को सत्ता में बनाए रखने, दोबारा वोटों की गिनती करवाने की मांग की जा रही थी। समर्थकों ने सीनेट में घुसपैठ की, तोड़फोड़ की और कई दफ्तरों पर कब्जा कर लिया। हालांकि, नेशनल गार्ड्स ने वक्त रहते उन्हें बाहर निकाला। इस पूरी हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई थी।
स्पीकर बोलीं- खुद पद नहीं छोड़ते ट्रंप तो चलेगा महाभियोग
ट्रम्प के साथी भी उनका साथ छोड़ने लगे हैं। 232 रिपब्लिकन सांसदों में से 100 ने गुरुवार को अमेरिकी संसद भवन में हुई हिंसा के लिए ट्रम्प को ही जिम्मेदार ठहराया है। उन्हें तुरंत पद से हटाने की मांग भी तेज हो गई है। स्पीकर नैंसी पेलोसी और सीनेट में डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता चक शूमर ने उपराष्ट्रपति माइक पेंस से ट्रम्प को हटाने की मांग की है। डिप्टी स्पीकर कैथरीन क्लार्क ने कहा है कि अगर ट्रम्प खुद पद नहीं छोड़ते हैं तो अगले हफ्ते उन पर महाभियोग चल सकता है। ट्रम्प को संविधान के 25वें संशोधन के तहत भी हटाने को लेकर कहा गया है।