आम मत | नई दिल्ली
आम आदमी पार्टी (आप) के पूर्व पार्ष और दिल्ली दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन को कड़कड़डूमा कोर्ट से सोमवार को झटका लगा। कोर्ट ने उसकी जमानत याचिका खारिज कर दिया। मामले की सुनवाई करते हुए सेशन कोर्ट ने कहा कि दिल्ली के उत्तर-पूर्वी इलाके में हुए दंगों के पीछे गहरी साजिश रची गई। कोर्ट ने कहा कि उनके पास यह मानने के लिए काफी सबूत हैं कि आरोपी दंगों के समय मौका ए वारदात पर मौजूद था।
साथ ही, वह समुदाय विशेष के लोगों को उकसा रहा था। अदालत ने आगे जोड़ा कि हालांकि हिंसा के लिए उसने अपने हाथ और मुक्कों का इस्तेमाल नहीं किया। उसने उसके बहकावे में आए लोगों का प्रयोग ह्यूमन वेपन के रूप में किया। कोर्ट ने कहा कि इस हिंसा में आरोपी के भागीदारी की जांच की जा रही है।
पीएफआई, पिंजरा तोड़, जामिया कॉर्डिनेशन कमेटी, यूनाइटेड अंगेस्ट हेट ग्रुप और एंटी संशोधित नागरिकता अधिनियम (CAA) प्रदर्शनकारियों के साथ उसके संबंधों की जांच हो रही है। उल्लेखनीय है कि दिल्ली पुलिस मामले में चांदबाग हिंसा, अंकित शर्मा हत्या और अजय नामक व्यक्ति की हत्या के मामले में ताहिर के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। दिल्ली हिंसा के दौरान ताहिर हुसैन पर हथियार खरीदने के लिए पैसे देने का आरोप है। ताहिर पर यह भी आरोप है कि उसके घर की छत से कई आरोपी भीड़ पर फायरिंग कर रहे थे।