आम मत | मुंबई
रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी को बुधवार को 14 दिन के लिए जेल भेज दिया गया। दो साल पुराने आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में अर्नब को बुधवार को पुलिस ने गिरफ्तार कर अलीबाग जिला मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया था। इसके बाद कोर्ट ने उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। कोर्ट ने कहा पुलिस हिरासत के लिए कोई आधार नहीं है। कोर्ट के अनुसार, आरोपित और आत्महत्या में कोई संबंध नजर नहीं आता। जज के अनुसार 2019 में बंद हो चुके इस मामले की जांच पुन: शुरू करने के लिए पुलिस ने कोर्ट की अनुमति नहीं ली।
मुंबई पुलिस अर्नब गोस्वामी के वर्ली स्थित निवास पर पहुंची और उन्हें गिरफ्तार किया गया। अर्नब के वकील ने आरोप लगाया कि उनके साथ मारपीट भी की गई। उनके वकील गौरव पारकर ने कहा कि ये हमारे लिए बड़ी जीत है। पहले ही दिन एमसीआर (मजिस्ट्रेट कस्टडी रिमांड) दिया गया। पुलिस रिमांड नामंजूर कर दी गई। हमने जमानत अर्जी दाखिल कर दी है। इस पर गुरुवार को बहस होगी।
भाजपा कार्यकर्ताओं ने जताया विरोध
अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी के विरोध में बुधवार को दिल्ली और मुंबई में विरोध प्रदर्शन हुए हैं। भाजपा कार्यकर्ताओं ने गिरफ्तारी की तुलना आपातकाल से की। वरिष्ठ भाजपा नेता चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि महाराष्ट्र के भाजपा कार्यकर्ता काले बिल्ले या काले कपड़े पहनेंगे, जब तक कि टेलीविजन पत्रकार अर्नब गोस्वामी को पुलिस द्वारा रिहा नहीं किया जाता है।