आम मत | मुंबई / नई दिल्ली
रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी को 7 दिन बाद गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत दे दी। अर्नब के साथ ही दो अन्य आरोपियों नीतीश सारदा और फिरोज मोहम्मद शेख को भी जमानत दे दी गई। अर्नब की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए उद्धव सरकार को भी फटकार लगाई।
कोर्ट ने कहा कि अगर राज्य सरकारें किसी को निशाना बनाएं तो उन्हें यह महसूस होना चाहिए कि हम उसकी हिफाजत करेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई पुलिस कमिश्नर से जमानत के आदेश पर तत्काल अमल करने को कहा। कोर्ट ने अर्नब को सबूतों से छेड़छाड़ ना करने और मामले की जांच में सहयोग करने की शर्त पर जमानत दी। तलोजा जेल से बाहर आते ही अर्नब कार की छत पर बैठ गए और नारे लगाते हुए इसे भारत के लोगों की जीत बताया।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2018 में इंटीरियर डिजाइनर और उसकी मां को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में पिछले बुधवार को अर्नब को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद अर्नब ने अलीबाग सेशंस कोर्ट में जमानत की अर्जी लगाई थी, जिसे कोर्ट ने नामंजूर करते हुए अर्नब व दो अन्य को न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। इसके बाद अर्नब ने बॉम्बे हाईकोर्ट में जमानत की याचिका दायर की थी, जिस पर हाईकोर्ट ने यह कहा था कि अंतरिम जमानत के लिए उनके पास लोअर कोर्ट का भी विकल्प है। इसके बाद अर्नब के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में अंतरिम जमानत की याचिका दायर की थी।