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मछुआरों की हत्या केसः शीर्ष कोर्ट ने कहा- परिजन को मुआवजा दे इटली

आम मत | नई दिल्ली

इटली के दो नौसैनिकों के खिलाफ दो मछुआरों की हत्या के केस की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने कहा कि यह केस अभी बंद नहीं होगा। केस तभी बंद होगा, जब मारे गए मछुआरों के परिवार को इटली मुआवजा देगी।

कोर्ट ने कहा कि वह मछुआरों के परिवार वालों का रुख जाने बिना कोई फैसला भी नहीं सुनाएगा। वहीं, तकरीबन एक महीने पहले इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) ने कहा था कि मामला भारतीय कानून के दायरे से बाहर है।

इटली ने दोनों नौसैनिकों पर कार्रवाई का दिया था भरोसा

हालांकि, आईसीजे ने इटली सरकार से नुकसान की भरपाई करने के लिए कहा था। फैसले के बाद केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से दोनों नौसैनिकों के खिलाफ केस बंद करने की अपील की थी। केंद्र सरकार ने सुनवाई में कहा कि इटली ने कार्रवाई का भरोसा दिया है। इटली अपने दोनों नौसैनिकों के खिलाफ मुकदमा चलाएगा।

भारत का सुप्रीम कोर्ट
मछुआरों की हत्या केसः शीर्ष कोर्ट ने कहा- परिजन को मुआवजा दे इटली 7

8 साल पुराना है मामला

आईसीजे ने आदेश के मुताबिक इटली मछुआरों के परिजनों को मुआवजा भी देगा। उल्लेखनीय है 8 साल पहले यानी 15 फरवरी 2012 को केरल के पास समुद्री में इटली के दो नौसैनिक सैलवाटोर गिरोन और मैसीमिलानो लैटोरे ने दो मछुआरों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। भारत ने दोनों को गिरफ्तार कर केस चलाया था।

इस पर इटली ने कहा था कि मामला भारत की समुद्री सीमा से बाहर है इसलिए वह कार्रवाई नहीं कर सकता है। भारत का कहना था कि मारे गए दोनों मछुआरे भारतीय हैं इसलिए कार्रवाई भी वही करेगा। 2015 में भारत ने दोनों नौसैनिकों को वोटिंग के लिए जमानत देते हुए इटली भेजा था। इसके बाद इटली ने दोनों को वापस नहीं भेजा। इससे दोनों देशों के रिश्तों में खटास आई थी।

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