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गलवान घाटी में वायुसेना ने अपाचे हेलिकॉप्टरों से की निगरानी

नई दिल्ली. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोवाल की चीन के विदेश मंत्री वांग यी से रविवार को फोन पर हुई वार्ता के बाद पिछले दो माह से अधिक समय से गलवान घाटी में चला आ रहा तनाव अब कम होता प्रतीत हो रहा है। सोमवार को चीनी सेना ने अपने टेंट हटाने शुरू कर दिए थे। वहीं भारत ने इस इलाके में अभी भी सख्ती बरकरार रखी है। चीनी सैनिकों के पीछे हट जाने के बाद सोमवार रात को वायुसेना ने फॉरवर्ड एयरबेस से अपाचे हेलिकॉप्टर के जरिए निगरानी की। इसके अलावा वायुसेना के चिनूक हेलिकॉप्टर और मिग-29 ने भी उड़ान भरी। भारतीय वायुसेना नए केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख स्थित सीमा पर लगातार अभ्यास कर हर स्थिति से निपटने की तैयारी कर रही है। भारत-चीन सीमा के पास फॉरवर्ड एयर बेस में वरिष्ठ लड़ाकू पायलट ग्रुप कैप्टन ए राठी ने कहा, ‘नाइट ऑपरेशंस में आश्चर्य का निहित तत्व होता है। वायुसेना आधुनिक प्लेटफार्मों और प्रेरित कर्मियों की मदद से किसी भी वातावरण में ऑपरेशन के पूरे स्पेक्ट्रम का संचालन करने के लिए पूरी तरह से प्रशिक्षित और तैयार है।’

उल्लेखनीय है कि पिछले साल वायुसेना ने 8 अपाचे हेलिकॉप्टर्स को अपने बेड़े में शामिल किया था। जिसके बाद सेना काफी मजबूत हुई है। अपाचे हेलिकॉप्टर के निर्माण अमेरिकी कंपनी बोइंग करती है। इसकी मारक क्षमता काफी खतरनाक है। इसका डिजायन ऐसा है कि यह रडार की पकड़ में भी नहीं आता। अपाचे लगभग 280 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भरता है। ये बिना रुके लगभग तीन घंटे तक उड़ान भर सकता है। इसके अलावा इसमें 16 एंटी टैंक मिसाइल छोड़ने की क्षमता है। 15 जून को लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प हुई थी। इसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे। चीन के 40 से अधिक सैनिक मारे गए थे। हालांकि, चीन ने अभी तक अपने मारे गए सैनिकों की संख्या नहीं बताई है।

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