आम मत | नई दिल्ली
विधायक खरीद-फरोख्त मामले में एसओजी के नोटिस से नाराज डिप्टी सीएम के कारण राजस्थान की गहलोत सरकार पर संकट के बादल मंडरा गए हैं। पायलट ने अब बगावती तेवर अपना लिए हैं। उन्होंने कहा कि वे सोमवार को होने वाली कांग्रेस विधायक दल की बैठक में शामिल नहीं होंगे। पायलट ने कहा कि उनके साथ कई निर्दलीय विधायक भी हैं।
इधर, पायलट खेमा यह दावा कर रहा है कि अब गहलोत सरकार अल्पमत में आ गई है। दूसरी ओर, सूत्रों की माने तो पायलट सहित 27 विधायक भाजपा के संपर्क में है। वहीं, गहलोत खेमे ने 100 से अधिक विधायकों के समर्थन का दावा किया। इधर, भाजपा की मानें तो उनकी पार्टी सचिन पायलट के संपर्क में नहीं है। ये कांग्रेस का अंदरूनी मामला है।
उधर, सचिन पायलट ने भाजपा से राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया से दिल्ली में मुलाकात की। दोनों की मुलाकात 40 मिनट तक चली। उल्लेखनीय है कि सचिन पायलट ने आरोप लगाया कि सीएम अशोक गहलोत उन्हें दरकिनार कर रहे हैं। सरकार से जुड़े फैसलों में भी उन्हें अहमियत नहीं दी जाती है। दूसरी ओर, गहलोत खेमे का आरोप है कि पायलट भाजपा के संपर्क में है।
पायलट के तीन दोस्त गहलोत खेमे में
जानकारी के अनुसार, सचिन पायलट के करीबी तीन विधायक दानिश अबरार, चेतन डूडी और रोहित बोहरा सीएम आवास पहुंचे। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा उनकी आस्था सीएम गहलोत में है। उन्होंने ये भी कहा कि उनकी पायलट से दो दिनों से कोई बात नहीं हुई। यह गहलोत खेमे की बड़ी सफलता मानी जा रही है। ये तीनों विधायक डिप्टी सीएम सचिन पायलट के दोस्त हैं।
सोनिया गांधी ने तीन वरिष्ठ नेताओं को जयपुर जाने के दिए निर्देश
इधर, कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने राजस्थान में चल रहे सियासी संघर्ष को देखते हुए अजय माकन, रणदीप सुरजेवाला और अविनाश पांडे को जयपुर जाने के निर्देश दिए हैं। इन तीनों को विधायकों से बात करने के लिए भी कहा गया है। तीनों वरिष्ठ नेता जयपुर के लिए रवाना हो गए हैं। इधर, खेलमंत्री अशोक चांदना ने अपने खेमे के विधायकों को हॉर्स ट्रेडिंग के लिए चेताया है।