आम मत | श्रीमति शारदा
कई बार आपको छोटी-मोटी तकलीफें होती होंगी। इनसे निजात पाने के लिए आप एैलोपैथी दवाओं का सहारा लेते होंगे। कई बार इसके लिए आप डॉक्टरों को अच्छी-खासी फीस भी दे देते होंगे। बावजूद इसके भी आपकी तकलीफ दूर नहीं हो पाती होगी। अगर दूर होती भी होगी तो कुछ समय बाद फिर से ऊबर आती होगी। इस आर्टिकल में हम आपको दादी-नानी के कुछ ऐसे नुस्खे बताने जा रहे है, जिन्हें अपना कर आप घर में ही इन छोटी-मोटी तकलीफों से निजात पा सकेंगे।
दांत दर्द
हल्दी और सेंधा नमक बारीक पीसकर शुद्ध सरसों के तेल में मिलाकर सुबह-शाम मंजन करने से दांतों का दर्द बंद हो जाता है।
दांतों के सुराख
कपूर को बारीक पीसकर दांतों पर उंगली से मलकर सुराखों को अच्छी तरह साफ करें। फिर सुराखों के नीचे कपूर को कुछ समय तक दबाकर रखने से दांतों का दर्द समाप्त हो जाता है।
कान दर्द
प्याज पीसकर उसका रस छानकर उसे गर्म करके चार बूंद कान में डालने से कान का दर्द मिटता है।
पेट के कीडे़ खत्म करने के लिए
एक बड़ा चम्मच सेम के पत्तों का रस और शहद बराबर मात्रा में मिलाकर प्रातः, दोपहर और शाम को पीने से पेट के कीड़े चार-पांच दिन में मरकर बाहर निकल जाते हैं।
छोटे बच्चों की उल्टियां
पके अनार के फल के रस को गुनगुना गर्म करके प्रातः, दोपहर और शाम को एक-एक चम्मच पिलाने से शिशु/बच्चे की उल्टियां बंद हो जाती है।
कब्ज हटाने के लिए
एक बड़े आकार का नींबू काटकर रात भर बाहर ओस में रख दें। सुबह एक गिलास चीनी के शरबत में उस नींबू को निचोड़कर, एक चुटकी काला नमक डालकर पीने से कब्ज दूर होती है।
सरलता से प्रसव के लिए
हींग को भूनकर चूर्ण बना लें, चार माशा शुद्ध गाय के घी में मिलाकर खाने से प्रसव सरलतापूर्वक होता है। इसके अतिरिक्त एक तोला पिसी राई में भुनी हींग का चूर्ण मिलाकर गर्म जल के साथ सेवन करने से मूढ गर्भ (गर्भ में मरा हुआ बच्चा) आसानी से बाहर आ जाता है।
आग से जलने पर
कच्चे आलू को पीसकर रस निकाल लें, फिर जली हुई जगह उस रस को लगाने से आराम मिलता है। इसके अतिरिक्त इमली की छाल जलाकर उसका बारीक चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को गाय के घी में मिलाकर जले हुए स्थान पर लगाने से आराम मिलता है।