आम मत | नई दिल्ली
टैक्स कम्प्लाइंस, फेसलेस असेसमेंट और फाइलिंग रिटर्न्स को ईजी बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पारदर्शी टैक्सेशन प्लेटफॉर्म लॉन्च किया। केंद्र सरकार ने टैक्स डिसक्लोजर में लेन-देन की सीमा घटाने का प्रस्ताव किया है। इससे इनकम टैक्स बेस बढ़ पाए और टैक्स चोरी को रोका जा सके।
उल्लेखनीय है कि सरकार ने कोरोना के कारण इस साल इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की लास्ट डेट जुलाई से बढ़ाकर नवंबर कर दी है। जून 2020 में नोटिफिकेशन जारी कर कहा था कि फॉर्म 26AS में अब और अधिक जानकारी शामिल होगी। अब 26AS फॉर्म टैक्सपेयर का पूरा प्रोफाइल बन जाएगा। इस फॉर्म में टैक्सपेयर को मोबाइल और पासपोर्ट नंबर भी दर्ज करना होगा।
20 हजार से ज्यादा के होटल बिल का भी देना होगा ब्योरा
इस फॉर्म में 20 हजार से ज्यादा के होटल बिल सहित वाइट गुड्स खरीद का ब्योरा भी भरना होगा। इससे आपको पता रहे कि पिछले वर्ष आपने क्या-क्या और कितना खर्च किया जाए।
पूरे साल अपडेट होता रहेगा फॉर्म
जानकारी के अनुसार, 26AS फॉर्म साल में एक बार भरने वाला नहीं लाइव फॉर्म होगा, जो सालभर अपडेट होता रहेगा। सीबीडीटी ने डीजी सिस्टम्स या किसी भी अन्य अधिकारी को इसमें अपलोड करने की अनुमति दी है। यानी कस्टम, जीएसटी, बेनामी कानून जैसे मामलों में पारित आदेश भी इस पर अपडेट होते रहेंगे।
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से कुछ भी छिपाना होगा मुश्किल
न केवल टैक्सपेयर बल्कि इनकम टैक्स विभाग को भी यह जानकारी उपलब्ध होगी। यह प्रत्येक टैक्सपेयर को किसी भी बैंक/फाइनेंशियल इंस्टिट्यूशन/अथॉरिटी से किसी भी कानून या टैक्स डिमांड, टैक्स डिस्प्यूट्स संबंधी जानकारी छिपाना मुश्किल हो जाएगा।
इन पर रहेगी आयकर की नजर
- 1 लाख रुपए की स्कूल/कॉलेज फीस या डोनेशन
- 1 लाख रुपए या अधिक बिजली का बिल जमा करने पर
- बिजनेस क्लास में घरेलू हवाई यात्रा या विदेश यात्रा पर
- 50 लाख रुपए से ज्यादा करंट अकाउंट में जमा करने या निकालने पर
- 20 हजार रुपए से ज्यादा सालाना प्रॉपर्टी टैक्स पे करने पर
- 20 हजार रुपए से ज्यादा सालाना हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम भरने पर
- 20 हजार रुपए से ज्यादा बिजली बिल चुकाने पर
- 1 लाख रुपए के जेवर, व्हाइट गुड्स, पेंटिंग्स, मार्बल आदि खरीदने पर
- 25 लाख से ज्यादा नॉन-करंट अकाउंट में डिपॉजिट करने या निकालने पर
- 50 हजार रुपए से ज्यादा का इयरली लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम पे करने पर
- शेयरों का लेन-देन, डीमैट अकाउंट और बैंक लॉकर होने पर