आम मत | जयपुर
राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष के नोटिस पर सचिन पायलट खेमे की ओर से हाईकोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई मंगलवार को पूरी हो गई। कोर्ट ने फैसला 24 जुलाई तक के लिए सुरक्षित रख लिया है। स्पीकर सीपी जोशी तब तक बागी विधायकों के खिलाफ कोई एक्शन नहीं ले पाएंगे। कोर्ट के फैसले से सचिन पायलट गुट को राहत मिलती है या उनकी लिए एक और मुसीबत खड़ी होगी। ये तो 24 जुलाई को ही स्पष्ट हो पाएगा।
इससे पहले, कोर्ट में पायलट खेमे की ओर से मुकुल रोहतगी ने दलीलें पेश की। उन्होंने कहा कि विधायकों को जवाब देने के लिए स्पीकर ने तीन दिन का ही वक्त दिया। जबकि उन्हें 7 दिन का समय तो दिया जाना चाहिए था। स्पीकर इतनी जल्दी में क्यों थे? दलबदल कानून इसलिए बनाया गया, ताकि कोई पार्टी नहीं बदल सके। शिकायत वाले दिन ही नोटिस जारी किया गया।
नोटिस भेजने का कोई ठोस कारण नहीं लिखा गया। नोटिस में वही सब लिखा था, जो शिकायत की गई थी। बसपा विधायकों को कांग्रेस में लाने की शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। उधर, सोमवार को स्पीकर सीपी जोशी के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने दलीलें पेश की थी।
सिंघवी ने कहा था कि स्पीकर ने सिर्फ नोटिस भेजा है, अयोग्य नहीं ठहराया है। पायलट खेमे की याचिका प्री मैच्योर है। उधर, पायलट गुट के एक अन्य वकील हरीश साल्वे ने भी सोमवार को दलीलें पेश की थी। उन्होंने कहा सरकार गिराना अलग बात है और मुख्यमंत्री बनाना अलग बात है।
उल्लेखनीय है कि मामले के लिए दोनों पक्षों ने देश के नामी वकीलों की सेवाएं ली हैं। हरीश साल्वे, मुकुल रोहतगी व अभिषेक सिंघवी जैसे सीनियर एडवोकेट एक दिन की पैरवी के लिए ही 40 से 50 लाख रुपए फीस लेते हैं।
राज्य के एजी एमएस सिंघवी भी स्पेशल केस में 11 से 15 लाख फीस लेते हैं। ऐसे में सचिन पायलट गुट और स्पीकर की ओर से पैरवी करने वाले वकीलों की कुल फीस की बात करें तो यह करीब 1.75 करोड़ रुपए होती है।
विधानसभा का विशेष सत्र बुधवार को संभव
विधानसभा का विशेष सत्र बुधवार को होने की संभावना है। इसमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत विश्वास मत के जरिए बहुमत साबित कर सकते हैं। अभी तक इसकी कोई आधिकारिक सूचना नहीं है। सीएम गहलोत ने राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात की थी।