आम मत | कोलकाता
पश्चिम बंगाल में इस साल मध्य में चुनाव होने हैं। वहीं, ममता बनर्जी की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही है। सत्तारुढ़ तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मंत्री एक के बाद एक पार्टी छोड़ते जा रहे हैं। शुक्रवार को राज्य के वन मंत्री राजीब बनर्जी ने पद से इस्तीफा दे दिया। उनसे पहले 17 जनवरी को ही खेल मंत्री लक्ष्मी रतन शुक्ला ने भी पद से इस्तीफा दे दिया था।
बनर्जी के इस्तीफा देने के कुछ समय बाद ही विधायक बैशाली डालमिया को पार्टी से निकाल दिया गया था। उन पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया गया। इससे पहले, राजीब बनर्जी ने ममता को लिखी चिट्ठी में कैबिनेट से इस्तीफे की कोई वजह नहीं बताई है। सिर्फ इतना लिखा है कि मुझे पश्चिम बंगाल के लोगों की सेवा करने का सौभाग्य मिला। मुझे मौका मिला, इसके लिए मैं बहुत आभारी हूं।’
राजीब बनर्जी दोमजुर से विधायक हैं। उनके इस्तीफे को गवर्नर जगदीप धनखड़ ने मंजूर भी कर दिया है। उल्लेखनीय है कि बीते एक महीने में 3 मंत्री पार्टी और पद छोड़ चुके हैं। पिछले महीने पार्टी छोड़कर गए शुभेंदु अधिकारी भाजपा में शामिल हो चुके हैं। वहीं, लक्ष्मी रतन शुक्ला और राजीब बनर्जी ने फिलहाल पार्टी नहीं छोड़ी है।
गौरतलब है कि 19 दिसंबर को शुभेंदु के साथ ही सांसद सुनील मंडल, पूर्व सांसद दशरथ तिर्की और 10 विधायकों ने भी भाजपा ज्वॉइन की थी। इनमें 5 विधायक तृणमूल के ही थे। ममता बनर्जी सरकार का कार्यकाल 30 मई को खत्म हो रहा है। लिहाजा अप्रैल-मई में ही विधानसभा की 294 सीटों के लिए चुनाव करा लिए जाएंगे।