आम मत | नई दिल्ली
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने आंदोलन खत्म कराने के उद्देश्य से गुरुवार को किसानों के नाम एक चिट्ठी लिखी। इस चिट्ठी में उन्होंने केंद्र सरकार की ओर से चलाई गई फसल बीमा योजना, किसान सम्मान निधि आदि जैसी योजनाओं की याद दिलाई। साथ ही ये भी कहा कि विपक्ष उन्हें बरगला रहा है।
कृषि मंत्री ने कहा कि जिन लोगों ने 1962 के युद्ध में देश की विचारधारा का विरोध किया था, वही लोग किसानों को पर्दे के पीछे से गुमराह कर रहे हैं, आज वे फिर से 1962 की भाषा बोल रहे हैं। चिट्ठी में तोमर ने लिखा कि कुछ लोग किसानों के बीच लगातार झूठ फैला रहे हैं। किसानों को उनकी बातों में नहीं फंसना चाहिए। चिट्ठी में कृषि कानूनों को लेकर फैलाए गए झूठ पर सफाई भी दी गई है।
यह चिट्ठी गृह मंत्री अमित शाह के साथ केंद्रीय मंत्रियों की बैठक के बाद सामने आई। भाजपा मुख्यालय में हुई इस मीटिंग में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, रेल मंत्री पीयूष गोयल, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर मौजूद रहे । इनके अलावा पार्टी के जनरल सेक्रेटरी सीटी रवि, दुष्यंत गौतम और अरुण सिंह भी शामिल हुए।
सरकार की ओर से उठाए कदम बताए
तोमर ने लिखा कि पिछले छह साल में हमारी सरकार ने किसानों का मुनाफा बढ़ाने और खेती को आसान बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं। इनका फायदा छोटे किसानों को मिल रहा है। पीएम किसान सम्मान निधि के जरिए 6 हजार रुपए सालाना देने का मकसद यही था कि इन किसानों को कर्ज न लेना पड़े।
फसल बीमा, सॉयल हेल्थ कार्ड और नीम कोटिंग यूरिया जैसी योजनाएं शुरू की गई हैं। किसानों के सामने दिक्कत थी कि ज्यादातर गोदाम और कोल्ड स्टोरेज सेंटर गांवों से दूर शहरों के पास बने थे। इससे किसानों को उनका फायदा नहीं मिलता था। इसके के लिए सरकार ने एक लाख करोड़ रुपए का फंड बनाया है।