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केंद्र की किसानों को दो टूक, कृषि कानूनों पर सरकार का प्रस्ताव नहीं मानने तक नहीं होगी कोई बैठक

केंद्र की किसानों को दो टूक, कृषि कानूनों पर सरकार का प्रस्ताव नहीं मानने तक नहीं होगी कोई बैठक | farmers leader out of vigyan bhawan

10वें दौर की बैठक में केंद्र सरकार ने डेढ़ साल तक कृषि कानूनों को लागू नहीं करने का दिया था प्रस्ताव

आम मत | नई दिल्ली

हमने किसानों से कल अपना फैसला बताने को कहा है। पिछली 10 बातचीत में सरकार का रुख नरम रहा था। सरकार ने किसानों के सामने संशोधन का प्रस्ताव भी रखा था, लेकिन आज की बैठक में सरकार बदली-बदली सी नजर आई। किसानों के साथ बातचीत में आज सरकार ने सख्त रुख दिखाया। कृषि मंत्री ने कहा कि कृषि कानूनों पर सरकार डेढ़ साल तक रोक लगाने के लिए तैयार है। इससे बेहतर प्रस्ताव सरकार नहीं दे सकती।

कृषि कानूनों पर 11 दौर की बैठकों के बाद किसानों और सरकार के बीच गतिरोध बरकरार है। किसानों और सरकार के बीच शुक्रवार को 11वें दौर की बैठक हुई। हालांकि, इस बार भी कोई नतीजा नहीं निकला। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि 11 बैठकों में 45 घंटे चर्चा हो चुकी है। शुक्रवार की वार्ता बेनतीजा रही, हमें इसका दुख है। किसान संगठन चाहते हैं कि तीनों कृषि कानून वापस लिए जाए, लेकिन सरकार संशोधन का प्रस्ताव दे रही है। हमने किसानों से कहा कि सरकार के प्रस्ताव पर विचार करें। ये किसानों के हित में है।

तोमर ने कहा कि अगर किसान बातचीत करने को तैयार हैं तो ये कल भी हो सकती है ,लेकिन विज्ञान भवन कल खाली नहीं है। इससे पहले सरकार ने किसानों के सामने कृषि कानूनों पर डेढ़ साल तक रोक लगाने का प्रस्ताव रखा था, लेकिन किसानों ने इसे ठुकरा दिया। आज की बैठक में सरकार के मंत्रियों ने किसानों से दो टूक कहा कि हम इससे बेहतर नहीं कर सकते। सरकार और किसानों के बीच अगली बैठक कब होगी, ये तय नहीं है।

सरकार के प्रस्ताव को स्वीकार करें किसान, तभी अगली बैठक

वहीं, किसान नेता शिव कुमार कक्का ने कहा कि लंच ब्रेक से पहले किसान नेताओं ने कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग रखी। सरकार ने कहा कि वो संशोधन के लिए तैयार है। मंत्रियों ने किसान नेताओं से प्रस्ताव पर विचार करने के लिए कहा। वहीं, हमने सरकार से हमारे प्रस्ताव पर विचार करने को कहा। इसके बाद मंत्री बैठक छोड़कर चले गए।

किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि आज की बैठक के दौरान सरकार ने कृषि कानूनों पर दो साल की रोक लगाने की बात कही और कहा गया कि अगली बैठक तब ही होगी जब किसान सरकार के इस प्रस्ताव को स्वीकार करेंगे।

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