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RBI की रिपोर्टः कोरोना के चलते राज्यों की हालत पस्त, संघीय ढांचे पर पड़ेगा असर

आम मत | नई दिल्ली

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मंगलवार को एक रिपोर्ट जारी की। इस रिपोर्ट के अनुसार, कोरोना के कारण सभी राज्यों की माली हालत पस्त हो चुकी है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि कोरोना ने राज्य सरकारों की राजकोषीय अनुशासन लाने की सभी कोशिशों पर पानी फेर दिया है। इससे संघीय ढांचे पर लंबे समय तक असर पड़ने की आशंका है।

आरबीआइ रिपोर्ट ने कहा है कि पिछले सौ वर्षो में कई बार महामारियों से देश व राज्य को भारी नुकसान उठाना पड़ा है लेकिन कोविड से होने वाला नुकसान सबसे ज्यादा है। राज्य कोविड के खिलाफ लड़ाई में आगे रहे हैं, चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में उनके राजस्व संग्रह को अभी तक का सबसे बड़ा धक्का लगा है। विकास दर कम होने से राजस्व संग्रह अभी नीचे ही रहेगा।

विकास दर के ऐतिहासिक तौर पर नीचे आ जाने से से राज्यों को विकास कार्यों पर किए जाने वाले खर्चे में कटौती करनी पड़ेगी, जिसका भविष्य में उल्टा असर होगा। दूसरी तरफ राज्यों पर वित्तीय दायित्व का बोझ भी बढ़ता जाएगा जिससे कई निवेश परियोजनाओं पर भी विराम लग सकता है। इस वर्ष राज्यों का राजकोषीय घाटे का स्तर 2.8 फीसदी के अनुमान से बढ़कर 4 फीसदी होने के आसार हैं।

यह दिया आरबीआई ने सुझाव

आरबीआइ का एक और सुझाव यह है कि राज्यों को कर आधार के विस्तार पर अब ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। विकास की दर को बढ़ाना कर दायरे को बढ़ाने का सबसे बेहतर तरीका है, लेकिन मौजूदा हालात में कर ढांचे को ज्यादा प्रभावशाली बनाने और कर प्रशासन को चुस्त-दुरूस्त बनाने पर ध्यान देना होगा।

रिपोर्ट के अंत में कहा गया है कि अगले कुछ वर्ष राज्यों के लिए काफी चुनौतीपूर्ण रहेंगे और इस कठिन समय से बाहर निकलने की रणनीति उन्हें अभी से लागू करनी होगी।

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