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रेलवे की लापरवाहीः 4 साल कालका स्टेशन पर पड़ी रही तिजोरी, खुली तो मिले नोटबंदी पूर्व के 3 लाख रुपए

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आम मत | चंडीगढ़

क्या आपने कभी सुना है कि एक स्थान से भेजा गया पैसा दूसरे स्थान ना पहुंच कर कहीं और पहुंच जाए और किसी को इसकी सुध भी ना रहे। नहीं ना, लेकिन ऐसा सच में हुआ है और इस पैसे की सुध किसी को एक-दो महीने नहीं बल्कि 4 साल तक नहीं आई। जी हां, हम बिलकुल सही कह रहे हैं। यह पूरा वाकया भारतीय रेलवे की लापरवाही है। रेलवे के अधिकारियों की लापरवाही से 3 लाख रुपए बेकार हो गया।

मामले के अनुसार, दिल्ली से अंबाला रेलवे स्टेशन का कैश लेकर अंबाला पहुंची कैश तिजोरी को वहां उतारा ही नहीं गया। यह तिजोरी कालका स्टेशन पर पहुंच गई। इसके बाद, कई महीनों यह तिजोरी ऐसे ही पड़ी रही और जब इसे खोला गया तो पता चला कि इस तिजोरी में रखे 3 लाख रुपए अब रद्दी के कागज बन चुके हैं। कारण यह था कि तिजोरी में 500 और एक हजार के जो नोट थे वे नोटबंदी से पहले के थे। इस कारण अब वे बेकार हो गए। सितंबर 2020 के इस प्रकरण की जांच के लिए अंबाला मंडल के अधिकारियों से भी जवाब-तलब किया गया।

इस बात की जांच की जा रही है कि अंबाला छावनी रेलवे स्टेशन पर पार्सल विभाग में किस-किस कर्मचारी की ड्यूटी थी। 25 अक्टूबर 2016 को दिल्ली से अंबाला के लिए पैसेंजर ट्रेन नंबर 54303 में तिजोरी रखी गई थी। छोटे रेलवे स्टेशनों से बुकिंग, पार्सल आदि का कैश इस तिजोरी में सील कर डाल दिया जाता था। गार्ड के पास एंट्री करने वाले कर्मचारी के हस्ताक्षर होते थे और यह तिजोरी सभी स्टेशनों का कैश जुटाने के बाद दिल्ली पहुंच जाती थी।

दिल्ली में अधिकारियों की मौजूदगी में इसे खोलकर कैश जमा कराया जाता था। 25 अक्टूबर को चली तिजोरी अंबाला नहीं उतरी, बल्कि कालका पहुंच गई। कई महीनों बाद नींद से जागे अधिकारियों को जब पता चला कि दिल्ली से अंबाला के बीच जिन स्टेशनों का कैश तिजोरी में डाला गया था, वह जमा ही नहीं हुआ। तिजोरी की तलाश की गई तो कालका स्टेशन पर मिल गई। इसमें करीब तीन लाख रुपए कैश बताया जा रहा है, लेकिन 500-1000 रुपए के नोट बेकार हो चुके हैं।

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