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सियासी ड्रामाः पद से बर्खास्तगी के बाद पायलट कल तोड़ सकते हैं चुप्पी

आम मत | जयपुरः नई दिल्ली

राजस्थान में सियासी संग्राम में अब एक और ट्विस्ट आ गया। सोमवार और मंगलवार को हुई कांग्रेस विधायक दल की बैठक में आने के लिए सचिन पायलट के मना कर दिया था। बैठक में ना आने के बाद मंगलवार दोपहर को कांग्रेस ने पायलट को डिप्टी सीएम और प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) अध्यक्ष पद से बर्खास्त कर दिया। साथ ही, उनके समर्थक दो मंत्री विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीणा को भी उनके पद से हटा दिया गया।

पद से हटाए जाने के सिर्फ 15 मिनट बाद ही सचिन पायलट ने ट्विटर बायो बदल दिया। उनके ट्विटर अकाउंट पर अब सिर्फ टोंक विधायक, भूतपूर्व आईटी, टेलीकॉम और कॉरपोरेट अफेयर मंत्री ऑफ इंडिया लिखा हुआ है। इसके बाद उन्होंने एक ट्वीट किया “सत्य को परेशान किया जा सकता है, पराजित नहीं।” वहीं, शाम को उन्होंने साथ देने वाले लोगों का धन्यवाद भी दिया। पिछले तीन-चार दिनों से चल रहे सियासी ड्रामे में पायलट ने एक बार भी प्रत्यक्ष तौर पर अशोक गहलोत की मुखालफत नहीं की। ना ही उन्होंने पार्टी के खिलाफ ही कुछ कहा, लेकिन वे बुधवार को या जल्द ही वे अपना पक्ष सबके सामने रख सकते हैं।

इधर, पायलट के ट्वीट के महज 15 मिनट बाद ही राजस्थान प्रभारी अविनाश पांडे ने ट्वीट करते हुए लिखा सत्य वचन सचिन पायलट, आपने भाजपा के साथ मिलकर सत्य को काफी परेशान किया, लेकिन पराजित नहीं कर पाए न आगे कर पाएंगे। सत्यमेव जयते। वहीं, सीएम गहलोत ने कहा कि हमने उन्हें आज भी उनके लिए बैठक में बुलाया। हमारी सोच थी कि ईश्वर उन्हें सद्बुद्धि दे, लेकिन वे आज भी नहीं आए। वे और समर्थक आ बैल मुझे मार वाली कहावत को चरितार्थ कर रहे हैं।

गोविंद सिंह डोटसरा नए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष

कांग्रेस ने सचिन पायलट को पीसीसी चीफ पद से हटाने के बाद शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के पद पर नियुक्त कर दिया। मंगलवार रात को मुख्यमंत्री आवास पर बुधवार को होने वाले मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर कैबिनेट की बैठक हुई। इसमें 9 मंत्री बनाने पर चर्चा की गई। दूसरी ओर, भाजपा ने कांग्रेस पर पलटवार किया।

पूर्व गृहमंत्री और नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा कि हमने कांग्रेस में चल रही खींचतान को दूर से ही देखा। सीएम गहलोत मंत्रिमंडल विस्तार कर विधायकों को झुनझुना पकड़ा रहे हैं। उन्हें सदन में सबसे पहले फ्लोर टेस्ट कराकर बहुमत साबित करना चाहिए। इसके बाद वे मंत्रिमंडल विस्तार की प्रक्रिया अपनाएं। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार और कांग्रेस में जो कुछ भी हो रहा है। उसका कारण खुद कांग्रेस है, भाजपा का इसमें कोई हाथ नहीं है।

भाजपा के इस बयान के बाद सीएम गहलोत ने कहा कि इस समय जो सरकार देश में आई है। वह धनबल से हर राज्य सरकार को तोड़-मरोड़ रही है। देश में अब तक कई सरकारें बदली हैं, राजीव गांधी भी चुनाव हारे थे। उन्होंने ये भी कहा कि जब हमारे साथ 122 लोग हैं, इनमें से 102 तो कांग्रेस के ही हैं। ऐसे में सरकार से फ्लोर टेस्ट की मांग सरासर ब्लैकमेल है। उधर, भाजपा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि कांग्रेस ने बिजनेस की तरह सरकार चलाई है। कांग्रेस में काबिलियत के लिए जगह नहीं बची है। यह हर राज्य में देखा जा सकता है।

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