आम मत | बीजिंग | नई दिल्ली
चीन-अमेरिका के तनाव में फिर से तेजी आ गई है। चीन ने आरोप लगाया कि अमेरिका के दो जासूसी विमानों ने पिछले दिनों उसकी एयर सीमा में घुसकर मिलिट्री ड्रिल को रिकॉर्ड किया। अमेरिका ने इन आरोपों का खंडन नहीं किया। वहीं, ये भी कहा कि हमने किसी नियम को नहीं तोड़ा। चीन की डिफेंस मिनिस्ट्री के प्रवक्ता के अनुसार, अमेरिकी नेवी के दो यू-2 एयरक्राफ्ट्स (U-2 Aircraft) ने उत्तरी इलाके में हमारी सेना के अभ्यास की कई घंटे तक जासूसी की। इससे हमारी ट्रेनिंग पर असर हुआ। अमेरिका ने दोनों देशों के बीच समझौते का उल्लंघन है।
अमेरिका ने चीन के आरोपों का खंडन नहीं किया। सीएनएन से बातचीत में यूएस एयरफोर्स (US Airforce) ने कहा- हमने अपनी हद में रहकर ही काम किया है। किसी नियम को नहीं तोड़ा। हम पहले भी हिंद महासागर में ऑपरेशन्स करते आए हैं। आगे भी करते रहेंगे।
मिलिट्री एक्सपर्ट ने कहा- चीन के दावे पर शक
मिलिट्री एक्सपर्ट कार्ल चेस्टर ने कहा- मुझे चीन के दावे पर शक है। अमेरिका एयरक्राफ्ट को चीन में घुसने की जरूरत ही नहीं है। वो इतने हाईटेक हैं कि मीलों दूर से ही हर चीज की जानकारी हासिल कर सकते हैं।
चीन के सरकारी मीडिया ने कहा- अमेरिका की यह हरकत बेहद खतरनाक है। अगर वो चीन के इलाके में घुसेगा तो इससे सैन्य झड़प हो सकती थी। बाद में यह बढ़ भी सकती थी। चीनी सेना वहां एक नहीं बल्कि दो जगह एक्सरसाइज कर रही थी।
मीडिया रिपोर्ट्स का दावा, कई घंटे मंडराए थे यू-2 एयरक्राफ्ट
मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि यू-2 एयरक्राफ्ट कई घंटे तक चीन के आसमान में 70 हजार फीट की ऊंचाई पर मंडराते रहे। उन्होंने पूरी मिलिट्री एक्सरसाइट कैप्चर की। इसके बाद आराम से हिंद महासागर में अपने बेस पर लौट गए। चीन की सेना को इसकी भनक तक नहीं लगी। बाद में इमेजरी के जरिए इसका पता चला क्योंकि तब इनकी ऊंचाई काफी कम हो गई थी।
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