आम मत | नई दिल्ली
संसद का मॉनसून सत्र 14 सितंबर से शुरू हुआ है। कोरोना के चलते सभी सावधानियां रखी जा रही हैं। इसके बावजूद सदन में दो मंत्रियों सहित 30 सांसद संक्रमित मिल चुके हैं। ऐसे में संभावनाएं व्यक्त की जा रही हैं कि 18 दिवसीय मॉनसून सत्र की अवधि कम कर दी जाए। लोकसभ स्पीकर ओम बिरला की अध्यक्षता में शनिवार को लोकसभा के बिजनेस एडवायजरी कमेटी की बैठक हुई।
इसमें मौजूद सभी दलों के सदस्यों में इस बात को लेकर सहमति बनी कि कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनज़र सदन की कार्यवाही को निर्धारित समय से पहले ख़त्म किया जाए। कमेटी की बैठक में तय किया गया कि सरकार के ज़रूरी विधायी काम पूरे होने के बाद सदन की कार्यवाही ख़त्म होना चाहिए। सूत्रों के मुताबिक़ संसद का सत्र अपने नियत समय से एक हफ्ता पहले ख़त्म किए जाने की संभावना है।
सरकार की प्राथमिकता सबसे पहले उन सभी 11 अध्यादेशों पर संसद की मंज़ूरी दिलवाना है जो कोरोना काल में जारी किए गए थे। इन अध्यादेशों में किसानों से जुड़े तीन अहम अध्यादेश भी हैं जिनपर देश के कई राज्यों में बवाल मचा है। कुल 11 अध्यादेशों में से 7 लोकसभा से जबकि 4 राज्यसभा से पारित हो चुके हैं।