मन की बातः कोरोना काल में आने वाले त्योहारों में रखें संयमः पीएम मोदी
आम मत | नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दशहरा के दिन रविवार को 70वीं बार मन की कार्यक्रम को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना काल में आने वाले सभी त्योहारों में हमें संयम से रहना है। बाजार में जब कुछ खरीदारी करने जाएं तो स्थानीय चीजों का ध्यान रखें। उन्होंने कहा कि पहले दुर्गा पंडालों में भीड़ जुटती थी, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो पाया। पहले दशहरे पर भी मेले लगते थे, इस बार उनका स्वरूप अलग है। रामलीला पर भी पाबंदियां लगी हैं।
गुजरात में गरबा की धूम होती थी। आगे और भी पर्व आएंगे। ईद, शरद पूर्णिमा, वाल्मीकि जयंती, दीवाली छठ पर भी हमें संयम से काम लेना है। जब हम त्योहार की तैयारी करते हैं, तो बाजार जाना सबसे प्रमुख होता है। इस बार बाजार जाते वक्त लोकल फॉर वोकल का संकल्प याद रखें। स्थानीय उत्पादों को प्राथमिकता देनी है। हमने सफाईकर्मी, दूध वाले, गार्ड इन सबकी हमारे जीवन में भूमिका महसूस की है। कठिन समय में ये साथ रहे।
अपने पर्वों में इन्हें साथ रखना है। सैनिकों का भी ध्यान रखें, उनके सम्मान में एक दीया जलाएं। पूरा देश वीर जवानों के परिवार के साथ है। हर व्यक्ति जो परिवार से दूर है, उसका आभारी हूं। कश्मीर घाटी देश की 90% स्लेट पट्टी की लकड़ी और पेंसिल की लकड़ी की आपूर्ति करती है। पुलवामा में इस लकड़ी का उत्पादन होता है। यहां की लकड़ी में सॉफ्टनेस होती है। यहां के उखू गांव को पेंसिल गांव के नाम से जाना जाता है।
पुलवामा की यह अपनी पहचान तब स्थापित हुई है, जब यहां के लोगों ने कुछ अलग करने की ठानी। लॉकडाउन के दौरान टेक्नोलॉजी बेस्ड कई प्रयोग हुए हैं। झारखंड में यह काम महिलाओं के सेल्फ हेल्प ग्रुप ने कर दिखाया है। इन्होंने आजीविका फार्म फ्रेश नाम से ऐप बनाया। इस पर 50 लाख तक की सब्जियां लोगों तक पहुंचाई गई हैं।