नई दिल्ली: Operation Sindoor Indian Army: भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत आतंकवादियों के खिलाफ कड़ा कदम उठाते हुए 9 आतंकवादी ठिकानों को तबाह कर दिया है। यह कार्रवाई पहलगाम में हुए बर्बर आतंकवादी हमले का जवाब मानी जा रही है, जिसमें 25 भारतीय नागरिकों और एक नेपाली नागरिक की जान चली गई थी। ऑपरेशन सिंदूर एक नॉन-एस्केलेटरी (non-escalatory) स्ट्राइक था, जिसे पूरी तरह से पाकिस्तान की सैन्य संरचनाओं को टारगेट किए बिना किया गया।
ऑपरेशन सिंदूर की रणनीति और उद्देश्य
भारतीय सेना के उच्च अधिकारियों के अनुसार, ऑपरेशन सिंदूर पूरी तरह से टारगेटेड और फोकस्ड था, जिसका उद्देश्य पाकिस्तान और PoK में आतंकवादियों के ठिकानों को नष्ट करना था, जो भारत पर हमले की साजिश रच रहे थे। यह ऑपरेशन इस बात को सुनिश्चित करने के लिए किया गया था कि पाकिस्तान के आतंकवादी गतिविधियों पर नकेल कसी जाए, लेकिन इसका उद्देश्य सीमा पर तनाव को बढ़ाना नहीं था। रक्षा मंत्रालय ने इसे नॉन-एस्केलेटरी ऑपरेशन (non-escalatory operation) करार दिया और साफ किया कि पाकिस्तान की सैन्य या नागरिक संरचनाओं को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया गया है।
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Justice is Served.
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पाकिस्तान का जवाब: बॉर्डर पर बढ़ा तनाव
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान ने अपने पक्ष से रिएक्शन दिया और बॉर्डर पर संघर्षविराम (Ceasefire) तोड़ते हुए फायरिंग शुरू कर दी। पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तान ने कहा कि भारत ने आंतरिक क्षेत्रों से हमला किया। पाकिस्तान के इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (ISPR) के डायरेक्टर जनरल, लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने कहा कि हमले तीन प्रमुख स्थानों पर किए गए थे- अहमदपुर ईस्ट बहावलपुर, कोटली और मुजफ्फराबाद। इसके अलावा, पाकिस्तानी सूत्रों ने दावा किया कि हमले में तीन लोगों की मौत हो गई है, हालांकि इस पर अधिकृत जानकारी का इंतजार किया जा रहा है।
भारत की प्रतिक्रिया: सीमाओं पर अलर्ट
भारत ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि पहलगाम हमले के दोषियों को छोड़ा नहीं जाएगा। रक्षा मंत्रालय ने भारतीय सेना के सभी एयर डिफेंस यूनिट्स को सक्रिय कर दिया है ताकि सीमा पर किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटा जा सके। पाकिस्तान द्वारा संघर्षविराम तोड़े जाने के बाद भारत ने मुंहतोड़ जवाब देने के लिए अपनी सेना को तैयार रखा है।
ऑपरेशन सिंदूर: एक स्पष्ट संदेश
भारतीय सेना की कार्रवाई ने यह संदेश दिया है कि भारत अपनी सुरक्षा के लिए किसी भी कीमत पर लापरवाही नहीं बरतेगा। यह ऑपरेशन आतंकवादियों को सख्त संदेश है कि भारतीय नागरिकों पर हमला करने का कोई भी प्रयास महंगा पड़ेगा। भारतीय सरकार और रक्षा मंत्रालय ने इसे एक “सटीक और रणनीतिक” हमला करार दिया है, जो पाकिस्तान और आतंकवादियों के खिलाफ भारत की जवाबी कार्रवाई को दर्शाता है।
ब्रेकिंग: पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारत ने पाकिस्तान एवं अनाधिकृत रूप से पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादियों के 9 ठिकानों पर हमला बोल दिया है। भारतीय सेना ने इसे 'ऑपरेशन सिंदूर' का नाम दिया है।
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ऑपरेशन सिंदूर के FAQs:
1. ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य क्या था?
ऑपरेशन सिंदूर का मुख्य उद्देश्य पाकिस्तान और PoK में स्थित आतंकवादियों के ठिकानों को निशाना बनाना था, जो भारत पर हमले की साजिश रच रहे थे। यह एक नॉन-एस्केलेटरी ऑपरेशन था, जिससे सीमा पर तनाव को बढ़ाए बिना सटीक जवाबी हमला किया गया।
2. पाकिस्तान ने ऑपरेशन सिंदूर के बारे में क्या कहा?
पाकिस्तान ने इस कार्रवाई को भारत का आंतरिक हमला बताया और कहा कि ऑपरेशन सिंदूर में तीन स्थानों पर हमला किया गया। पाकिस्तान ने दावा किया कि तीन लोग मारे गए हैं, लेकिन इसका सही आंकड़ा अभी तक पुष्टि नहीं हो सका है।
3. ऑपरेशन सिंदूर में कितने आतंकवादी ठिकाने तबाह किए गए?
भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और PoK में कुल 9 आतंकवादी ठिकानों को तबाह किया।
4. ऑपरेशन सिंदूर के बाद क्या पाकिस्तान ने सीजफायर तोड़ा?
हां, ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान ने बॉर्डर पर संघर्षविराम (Ceasefire) तोड़ते हुए आर्टिलरी फायरिंग शुरू की है। भारतीय सेना ने इसका संतुलित जवाब दिया है।
5. क्या ऑपरेशन सिंदूर पाकिस्तान की सैन्य संरचनाओं को निशाना बना रहा था?
नहीं, ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान की सैन्य या नागरिक संरचनाओं को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया गया है। यह एक सीमित और टारगेटेड स्ट्राइक थी, जिसका उद्देश्य केवल आतंकवादियों के ठिकानों को नष्ट करना था।
Operation Sindoor Indian Army Live Update:
ऑपरेशन सिंदूर ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया कि भारतीय सेना किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है। पाकिस्तान और PoK में आतंकवादियों के खिलाफ यह निर्णायक कदम भारत की मजबूत स्थिति को प्रदर्शित करता है। भारतीय सरकार ने इसे नॉन-एस्केलेटरी ऑपरेशन करार दिया है, जिससे यह स्पष्ट है कि भारत आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करता है, लेकिन सीमा पर तनाव बढ़ाने की कोई कोशिश नहीं करता।
अब भारत के हर नागरिक को यह समझने की आवश्यकता है कि हमारी सेना और सरकार की रणनीतियाँ हमारे सुरक्षा हितों को प्राथमिकता देती हैं। इस ऑपरेशन ने यह संदेश दिया है कि आतंकवादियों और उनके आकाओं को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा।
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